Search This Blog

Friday 22 July 2016

हमदम मेरे

एहसास तेरा बन के बूँद ठहरा
मेरी आँखों के मंज़र में

दर्द मेरा बन के आँसू तेरा
बरसा बिन मौसम बारिश जैसे

प्यार तेरा मन में बसा
भीगा गया तन मन मेरा

हमदम मेरे ,नयनो में तेरे
सपने मेरे ,तैरते हैं

बाँहों में तेरी , जन्नत मेरी
ज़िन्दगी जीती है

हर साँस में मेरी
तेरी मौजुदगी  है

~ ०७/०४/२०१६~

©Copyright Deeप्ती


No comments:

Post a Comment